HomeShatkhandagama Rachna Sthal Lankeshwar ( शतखंडगामा रचना स्थल लंकेश्वर, गुजरात)
Shatkhandagama Rachna Sthal Lankeshwar ( शतखंडगामा रचना स्थल लंकेश्वर, गुजरात)
Shatkhandagama Rachna Sthal Lankeshwar ( शतखंडगामा रचना स्थल लंकेश्वर, गुजरात)
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Shatkhandagama Rachna Sthal Lankeshwar ( शतखंडगामा रचना स्थल लंकेश्वर, गुजरात)

 
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Product Description

इस पुस्तक में जैन धर्म के प्रथम आगम ग्रन्थ षट्खण्डागम के रचियताओं के बारे में तथा अंकलेश्वर के बारे में विस्तृत ऐतिहासिक विवरण तो मिलता है है, साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करती है. जैसे - अंकलेश्वर तथा घोघा (जिला - भावनगर) के मध्य वर्तमान में समुद्र है, लेकिन लगभग दो हजार वर्ष पहले यहाँ समुद्र नहीं था तथा ये दोनों जमीन से जुड़े हुए थे; उस समय ताड़ के पत्तों पर ग्रन्थ लिखे जाते थे; प्रथम जैन आगम ग्रन्थ षट्खण्डागम की रचना भरुच (भृगुकच्छ) के शक शासक नरवाहन तथा उनके नगर श्रेष्ठी सुबुद्धि ने की जोकि मुनि दीक्षा के बाद क्रमशः पुष्पदंत और भूतबली कहलाये, दांडी यात्रा के दौरान गांधीजी ने यहाँ भी रात्रि विश्राम किया था, सरदार पटेल भी अक्सर यहाँ रुका करते थे, आदि. प्रस्तुत पुस्तक में चार अध्याय हैं. पहले अध्याय में अंकलेश्वर की भौगोलिक स्थिति एवं इसके इतिहास का विस्तृत वर्णन किया है. अंकलेश्वर का इतिहास भरूच के इतिहास से अलग नहीं रहा है. भरूच से मात्र 8-10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अंकलेश्वर ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी में सौराष्ट्र के कुछ भाग पर शक-शाहियों का अधिकार हो गया था. ये क्षहरात या क्षत्रप कहलाते थे. दूसरे अध्याय में अंकलेश्वर क्षेत्र का विस्तृत वर्णन, आचार्य पुष्पदंत एवं आचार्य भूतबली का परिचय एवं ग्रन्थ रचना की कथा का वर्णन है. तीसरे अध्याय में इस क्षेत्र के मंदिरों आदि का वर्णन है. चौथे अध्याय में वहाँ की जैन समाज के बारे में तथा स्वतंत्रता आन्दोलन में यहाँ के लोगों के योगदान की जानकारी है. पुस्तक के अंत में परिशिष्टों के रूप में गुजरात में जैन धर्म के प्रचार प्रसार तथा वहाँ के प्रमुख जैन मंदिरों का विवरण है.

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